Retirement Age – अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो बीते कुछ दिनों से एक खबर ने शायद आपको थोड़ा बेचैन जरूर किया होगा। बात हो रही है रिटायरमेंट की उम्र घटाने की अटकलों की। सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स में जोर-शोर से ये चर्चा चल रही थी कि सरकार 60 साल की रिटायरमेंट एज को घटाकर 58 या 30 साल की सेवा पूरी होते ही रिटायरमेंट का नियम लागू करने जा रही है। इससे कर्मचारियों के बीच खलबली सी मच गई थी।
लेकिन अब इसपर सरकार ने संसद में पूरी तरह से साफ-साफ जवाब देकर स्थिति को क्लियर कर दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है और सरकार ने क्या कहा है।
क्या था मामला?
हाल ही में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने संसद में सरकार से सवाल पूछा था कि क्या वह केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज कम करने पर विचार कर रही है। उनका सवाल था कि क्या सरकार 60 साल की उम्र या 30 साल की सेवा में से जो पहले पूरा हो, उस आधार पर रिटायरमेंट देने का नया नियम लाने वाली है?
इस सवाल ने पूरे देश के केंद्रीय कर्मचारियों में बेचैनी पैदा कर दी थी। कई कर्मचारियों को लगने लगा कि अगर ऐसा होता है, तो उनकी सारी वित्तीय प्लानिंग गड़बड़ हो जाएगी। रिटायरमेंट सिर्फ नौकरी छोड़ने का दिन नहीं होता, ये तो एक पूरे जीवन की योजना होती है। लोग शुरू से अपनी पेंशन, ग्रेच्युटी, पीएफ, बच्चों की पढ़ाई और शादी सब कुछ उसी हिसाब से प्लान करते हैं।
सरकार का जवाब – एकदम साफ और बेझिझक
केंद्र सरकार ने संसद में इस मुद्दे पर जो जवाब दिया है, वो लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र को घटाने का कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं है और ना ही ऐसे किसी बदलाव पर विचार किया जा रहा है।
सरकार ने ये भी कहा है कि जो मौजूदा नियम हैं, यानी 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट, वो यथावत रहेंगे। यानी जिन लोगों को डर था कि उनका करियर अचानक कट सकता है, उनके लिए अब चिंता की कोई बात नहीं है।
क्यों फैली थी इतनी अफवाह?
इस तरह की अफवाहों के पीछे एक कारण ये भी हो सकता है कि सरकार लगातार युवाओं को नौकरी देने की बात कर रही है। ऐसे में कुछ लोगों को लगा कि सरकार सीनियर कर्मचारियों को जल्दी रिटायर करके नई नियुक्तियों के लिए जगह बना रही है। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि युवाओं को रोजगार देने के लिए कर्मचारियों की सेवा अवधि घटाना उसका मकसद नहीं है।
सरकार रोजगार मेलों के जरिए नए रोजगार सृजन पर जोर दे रही है। नई भर्तियों के लिए अलग रास्ते अपनाए जा रहे हैं, न कि वर्तमान कर्मचारियों की नौकरी छोटी करके।
कर्मचारियों ने ली राहत की सांस
इस बयान के बाद कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। अब वो बेफिक्र होकर अपनी योजनाएं जारी रख सकते हैं। उन्हें अब बार-बार यह सोचने की ज़रूरत नहीं कि कहीं कल को रिटायरमेंट की उम्र घटा दी गई तो क्या होगा। इस तरह की अफवाहें न सिर्फ कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान करती हैं, बल्कि उनकी आर्थिक तैयारियों को भी बिगाड़ देती हैं।
सरकार को भी रखना चाहिए ध्यान
हालांकि सरकार ने वक्त रहते स्थिति स्पष्ट कर दी, लेकिन भविष्य में ऐसे मामलों में और पारदर्शिता रखनी होगी। जैसे ही अफवाहें फैलती हैं, सरकार को तुरंत जनता तक सही जानकारी पहुंचानी चाहिए ताकि अनावश्यक भ्रम की स्थिति ना बने।
इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि कोई भी बड़ा बदलाव कर्मचारियों से चर्चा करके और उन्हें विश्वास में लेकर ही किया जाए। क्योंकि रिटायरमेंट जैसे फैसले सीधे तौर पर एक व्यक्ति और उसके पूरे परिवार के जीवन को प्रभावित करते हैं।
तो कुल मिलाकर, फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह एक राहत की बात है। सरकार ने जो स्पष्टता दिखाई है, वो स्वागत योग्य है और इससे भविष्य की नीतियों को लेकर लोगों में भरोसा भी बना रहेगा।
कर्मचारी अब अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग, निवेश, बच्चों की पढ़ाई और पेंशन की तैयारी उसी पुराने ढर्रे पर कर सकते हैं। कोई हड़बड़ी करने की जरूरत नहीं है।