Income Tax New Rules 2025 – अगर आप हर साल ईमानदारी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, तो ये खबर आपको जरूर सुकून देगी। सरकार ने 2025 में इनकम टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पुराने केस अनलिमिटेड समय तक नहीं खोल सकेगा। पहले जहां 6 साल से लेकर 10 साल तक के पुराने मामलों में भी विभाग नोटिस भेज सकता था, अब ये समयसीमा सीमित कर दी गई है।
इस फैसले से उन लाखों टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है जो हर साल अपनी आमदनी का पूरा ब्योरा देते हैं, लेकिन फिर भी डर में रहते हैं कि कहीं कोई पुराना मामला फिर से न खुल जाए। अब उन्हें न तो कानूनी झंझटों का डर रहेगा और न ही बार-बार दस्तावेज़ जुटाने की टेंशन।
क्या है नया नियम?
अब अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और आपकी इनकम में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं है, तो सिर्फ 3 साल तक ही आपका पुराना केस दोबारा खोला जा सकता है। वहीं, अगर किसी केस में 50 लाख रुपये से ज्यादा की छुपी आय या फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है, तो वो केस 5 साल तक खोला जा सकता है।
पहले क्या था?
पुराने नियमों के मुताबिक आयकर विभाग सामान्य मामलों में 6 साल तक और गंभीर मामलों में 10 साल तक केस खोल सकता था। इस वजह से लाखों टैक्सपेयर्स को कई सालों बाद भी नोटिस मिल जाते थे।
किसे फायदा?
इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास, सैलरीड पर्सन्स, और छोटे कारोबारियों को होगा। अब उन्हें केवल 3 साल तक ही डॉक्युमेंट्स संभालने की जरूरत है और बेवजह डरने की बात नहीं।
किसे नुकसान?
जिन लोगों ने बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की है या जिनके मामलों में गंभीर गड़बड़ियां हैं, उनके लिए ये नियम उतना फायदेमंद नहीं है। उनके केस अब भी 5 साल तक खोले जा सकते हैं, बशर्ते विभाग के पास पक्के सबूत हों।
इनकम टैक्स स्लैब और छूट में भी बदलाव
2025 से इनकम टैक्स स्लैब्स और बेसिक छूट की सीमा में भी बदलाव किए गए हैं। आइए जानें क्या-क्या बदला है:
1. बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट:
अब सालाना 4 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। पहले यह सीमा 2.5 या 3 लाख रुपये थी।
2. नया टैक्स स्लैब (वर्ष 2025-26):
इनकम रेंज | टैक्स दर |
---|---|
0 – 4 लाख | 0% |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से ऊपर | 30% |
3. सेक्शन 87A की छूट:
अब अगर किसी की कुल इनकम 12 लाख रुपये तक है, तो उसे 60,000 रुपये की छूट मिलेगी। ये बदलाव मिडिल क्लास के लिए बहुत फायदेमंद है।
ITR फॉर्म और फाइलिंग में भी सुधार
2025 से ITR फॉर्म्स को आसान और स्पष्ट बनाया गया है। अब कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग आसान हो गई है और 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सैलरी वाले और छोटे व्यापारी अब ITR-1 और ITR-4 से ही रिटर्न फाइल कर सकते हैं। साथ ही, अब TDS की जानकारी भी सेक्शन वाइज देनी होगी।
ITR फाइल करने की अंतिम तारीख:
31 जुलाई (बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए)
पुराने मामलों में केस कैसे खुलेंगे?
आयकर अधिनियम की धारा 147 और 148 के तहत केस दोबारा खोले जाते हैं:
- धारा 147: अगर विभाग को लगता है कि कोई आय छूट गई है, तो वह केस खोल सकता है।
- धारा 148: इसके तहत नोटिस भेजा जाता है। लेकिन अब ये सिर्फ 3 साल (सामान्य) और 5 साल (विशेष मामलों में) तक सीमित है।
किन मामलों में 5 साल तक केस खुल सकता है?
- अगर आपकी छुपी आय 50 लाख से ज्यादा है
- अगर आप पर टैक्स चोरी या फर्जी दस्तावेज देने का आरोप है
- अगर इनकम किसी संपत्ति या बड़े खर्च से जुड़ी है
टैक्सपेयर्स को सलाह
- हर साल सही और समय पर ITR फाइल करें
- कम से कम 3-5 साल तक डॉक्युमेंट्स संभालकर रखें
- कोई नोटिस मिले तो घबराएं नहीं, प्रोफेशनल से सलाह लें
- सभी इनकम और छूट को ईमानदारी से रिपोर्ट करें
विवाद से विश्वास 2.0’ योजना का फायदा उठाएं
अगर किसी टैक्सपेयर्स का मामला कोर्ट में लंबित है, तो वह सरकार की ‘विवाद से विश्वास 2.0’ योजना के तहत समझौता कर सकता है। इसमें 31 दिसंबर 2024 तक आवेदन करने पर कम जुर्माना और जल्दी निपटारा मिलेगा।
2025 में लागू इनकम टैक्स के नए नियम आम लोगों के लिए राहत लेकर आए हैं। अब 5-10 साल पुराने मामलो का डर खत्म हो गया है। सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी, आसान और टैक्सपेयर्स फ्रेंडली बनाना है।
तो अगर आप ईमानदारी से टैक्स भरते हैं, तो अब चिंता की बात नहीं। बेफिक्र होकर ITR फाइल कीजिए और अपने फाइनेंशियल प्लान को मजबूत बनाइए।