EPS-95 Pension Update – देश के करोड़ों बुजुर्गों के लिए उम्मीद की एक बड़ी किरण नजर आ रही है। EPS-95 यानी कर्मचारी पेंशन योजना के तहत रिटायर्ड लोगों को मिलने वाली पेंशन अब फिर से चर्चा में है। वजह है – पेंशनर्स की वो पुरानी लेकिन बेहद जरूरी मांग, जिसमें वे ₹7,500 की गारंटीड न्यूनतम मासिक पेंशन की मांग कर रहे हैं।
यह मुद्दा सिर्फ पैसों का नहीं, बल्कि उन बुजुर्गों की जिंदगी की गरिमा और सामाजिक सुरक्षा का है जिन्होंने जिंदगी भर मेहनत की, और अब अपनी आखिरी उम्र में आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
EPS-95 पेंशन योजना क्या है?
EPS-95 यानी “Employees’ Pension Scheme 1995” को EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें 15,000 रुपये तक की बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी शामिल होते हैं और रिटायरमेंट के बाद इन्हें हर महीने एक तय पेंशन मिलती है।
इस स्कीम में नियोक्ता के EPF योगदान का 8.33% हिस्सा पेंशन फंड में जाता है। लेकिन दुखद सच्चाई यह है कि ज्यादातर पेंशनर्स को सिर्फ ₹1,000 से ₹2,000 तक की पेंशन मिल रही है, जो आज की महंगाई के दौर में बहुत ही कम है।
क्यों जरूरी है ₹7,500 की गारंटीड पेंशन?
अब सवाल ये है कि आखिर पेंशनर्स ₹7,500 की गारंटीड पेंशन क्यों मांग रहे हैं? इसका जवाब सीधा है – जीने लायक जिंदगी के लिए।
कुछ मुख्य कारण:
- चिकित्सा खर्चों में भारी बढ़ोतरी – उम्र बढ़ने के साथ दवाइयों और इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है।
- महंगाई ने कमर तोड़ दी है – दूध, सब्जी, राशन, बिजली, पानी सब कुछ महंगा हो चुका है।
- अकेले जीवन की चुनौतियां – कई बुजुर्ग अपने बच्चों से अलग रहते हैं और खुद की देखभाल खुद ही करते हैं।
- सम्मानजनक जीवन जीने का हक – रिटायर होने के बाद भी कोई दूसरों पर निर्भर न हो, ये सभी का हक है।
सरकार और EPFO की भूमिका
पिछले कुछ सालों से EPS-95 पेंशनर्स इस मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, जून 2025 में इस पर सरकार और EPFO की तरफ से कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।
सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं:
- पेंशन रिव्यू कमेटी की बैठकें आयोजित की गई हैं
- सुप्रीम कोर्ट ने EPS पेंशन को लेकर अहम निर्देश दिए हैं
- EPFO की बोर्ड मीटिंग्स में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है
अगर फैसला होता है तो क्या होगा असर?
अगर ₹7,500 की न्यूनतम पेंशन मंजूर होती है, तो यह लाखों पेंशनर्स की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।
संभावित फायदे:
- स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच
- परिवार पर आर्थिक बोझ में कमी
- मानसिक शांति और आत्मसम्मान में बढ़ोतरी
- बुजुर्गों की आत्मनिर्भरता में सुधार
वर्तमान और प्रस्तावित पेंशन की तुलना
विवरण | वर्तमान स्थिति | प्रस्तावित स्थिति |
---|---|---|
न्यूनतम पेंशन राशि | ₹1,000 – ₹2,000 | ₹7,500 (गारंटीड) |
औसत चिकित्सा खर्च | ₹1,200 – ₹2,500 | पेंशन से कवर हो पाएगा |
किराया व राशन खर्च | ₹5,000 – ₹8,000 | आंशिक राहत मिलेगी |
सामाजिक सुरक्षा | कमजोर | मजबूत |
सरकार का रुख | विचाराधीन | जून 2025 में संभावित फैसला |
पेंशनर्स की लगातार उठ रही आवाज़
EPS-95 पेंशनर्स देशभर में कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। दिल्ली, भोपाल, लखनऊ, पटना जैसे शहरों में रैलियां हो चुकी हैं। पेंशनर्स का कहना है कि यह सिर्फ पैसों की बात नहीं, यह उनके सम्मान और अस्तित्व का सवाल है।
कुछ प्रमुख मांगें
- ₹7,500 की न्यूनतम पेंशन
- महंगाई भत्ते (DA) को भी पेंशन में जोड़ा जाए
- स्वास्थ्य बीमा की सुविधा
- पुरानी पेंशन राशि की समीक्षा
जनता की भावना और निजी अनुभव
मैं खुद एक ऐसे परिवार से हूं जहां मेरे ताऊ जी EPS-95 स्कीम के तहत रिटायर हुए हैं। उनकी पेंशन सिर्फ ₹2,100 है। महीने के आखिरी दिनों में हालात इतने तंग हो जाते हैं कि उन्हें बच्चों से उधार लेना पड़ता है। अगर ₹7,500 की पेंशन मिलती, तो न सिर्फ वे आत्मनिर्भर होते बल्कि मानसिक रूप से भी राहत में रहते।
EPS-95 पेंशनर्स की ₹7,500 की गारंटीड न्यूनतम पेंशन की मांग पूरी तरह से जायज है। यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि उन बुजुर्गों की उम्मीद, उनका आत्मसम्मान और उनका हक है। सरकार को इस मांग को गंभीरता से लेना चाहिए और जून 2025 में एक सकारात्मक फैसला लेना चाहिए।